EMU Farming | एमु फार्मिंग | emu farming in india | EMU Farming Information | emu farm | emu farm near me | ई0 एम0 यू0 फार्मिंग
EMU Farming Information – दोस्तों भारत में कई तरह की फार्मिंग की जाती है वर्तमान में एमू फार्मिंग भारत में बहुत ही लोकप्रिय और आकर्षक व्यवसाय बनता जा रहा है भारत के कुछ ऐसे राज्य हैं जिनमें एमु फार्मिंग अधिक मात्रा में की जा रही है इन राज्यों का नाम आंध्र प्रदेश ,महाराष्ट्र ,तमिलनाडु आदि है।
इन स्थानों पर उच्च मात्रा में एमु फार्मिंग की जा रही है EMU खेती करना बहुत ही सरल है और यह कोई भी व्यक्ति कर सकता है यदि आप लोग भी एमू की खेती करना चाहते हैं तो आप भी अच्छे खासे पैसे कमा सकते हैं आज हम आपको अपने आर्टिकल के माध्यम से मुखारविंद से संबंधित पूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे इस महत्वपूर्ण जानकारी को जानने के लिए आप हमारे आर्टिकल को अंत तक पढ़े ।
एमु फार्मिंग- EMU Farming
हमारे देश में लगभग 2 ,500 एमु के फार्म है जो सफल संचालित किए जा रहे हैं इसका व्यवसाय अब पंजाब ,हिमाचल प्रदेश ,हरियाणा ,उत्तरांचल राज्यों में बहुत ही तेजी से चलाया जा रहा है भारत के बहुत से नागरिक फार्मिंग करना बहुत पसंद करते हैं।
एवं फार्मिंग करना किसी व्यक्ति को आर्थिक रूप से मजबूत बना सकता है एमु फार्मिंग करना बहुत ही आसान और अच्छा होता है इसकी खेती से नागरिकों को अधिक अर्थ प्राप्त होता है EMU की खेती के लिए न तो मौसम पर निर्भर रहना पड़ता है और ना ही किसी अनिश्चित बाजार के सुझाव के लिए यह बारहमासी खेती है इसे आप कभी भी कर सकते हैं ।
EMU Farming
एमऊ एक पक्षी होता है यह है ऑस्ट्रेलिया का राष्ट्रीय पक्षी है और विश्व का दूसरा सबसे बड़ा पक्षी है इसकी ऊंचाई लगभग 2 मीटर तक हो सकती है और यह एक फुर्तीला और भारी पक्षी है इसका रंग भूरा पलका मटमैला सा होता है इसके पंख आकर्षक और चमकीले से होते हैं।
EMU नर तथा मादा दोनों के गले के पास एक अलग अलग फैली होती है जिसमें हवा भरकर एक अनोखी आवाज निकलती है इसकी टांगे बहुत शक्तिशाली और मजबूत होती है मादा पक्षी के एक अंडे की कीमत ₹800 से 1000 के बीच में होती है जिसे बेचकर नागरिक का भी लाभ कमा सकते हैं और आर्थिक समस्या से बच सकते हैं।
एमु फार्मिंग शुरू करना
यह पक्षी प्राकृतिक भोजन पर निर्भर होता है यह अधिकतर भोजन में कीट ,पौधे ,पपीता ,ककड़ी आदि खाता है और यह लगभग 30 वर्षों तक जीवित रह सकता है |मादा एमु 16 वर्षो से अधिक वर्षों तक अंडे दे सकती है यदि आप EMU फार्मिंग करना चाहती है तो इसके लिए आपके पास 500 वर्ग फीट जमीन होनी आवश्यक है इसके साथ ही एमू की संख्या में बढ़ोतरी होने के साथ साथ जमीन में भी बढ़ोतरी करनी पड़ती है |एमू को पालने के लिए मिट्टी की जमीन होनी आवश्यक है इनका पालन सीमेंटेड स्थान पर नहीं किया जा सकता है ।
- CM Vyapari Kshatipurti Beema Yojana 2024
- Post Office Saving Scheme 2024
- RTE Admission Rajasthan 2024
एमु के गुण (Specification)
- Dromaius Novaehollandiae EMU पक्षी की प्रजाति का नाम है |
- एक पक्षी की आयु लगभग 30 वर्षों तक की होती है इस पक्षी को एक अनुकूल पक्षी माना जाता है जो प्रत्येक परिस्थिति में जीवित रह सकता है इस पक्षी की ऊंचाई 5 से 6 फिट तक की होती है और इस पक्षी का वजन 45 से 60 किलोग्राम के बीच होता है |
- इस पक्षी की प्रजनन क्षमता 25 साल तक सही रहती है और यह 25 साल तक अंडे उत्पादन करने में सक्षम रहते हैं |
- एमु का अंडा मुर्गी के अंडे के मुकाबले 10 से 12 गुना बड़ा होता है |
- मादा एमु प्रत्येक 3 से 5 दिनों के बाद अंडे का उत्पादन करती है |
- इस पक्षी के अंडे से जो चूजे बाहर निकलते हैं वह 3 महीने तक हल्के रंग की धारियों के होते हैं और 4 महीने के पश्चात इन पक्षियों का रंग चॉकलेटी ब्राउन हो जाता है |
एमु के उपयोग
एमु का उपयोग कई प्रकार से किया जाता है:-
- एमू पक्षी का मांस और इसके अंडे दोनों ही खाने योग्य होते हैं इसकी पीठ में जो चर्बी होती है
- इसका प्रयोग कई प्रकार की दर्द निवारक दवाइयों को बनाने में किया जाता है और
- लेदर इंडस्ट्री में एमू का चमड़ा भी प्रयोग में लाया जाता है
- इसके नाखून का प्रयोग कई तरह के गहने बनाने में किया जाता है और यह घाव भरने और विरोधी भागकाउ गुणों के लिए भी जाना जाता है
- यह सूखी त्वचा की समस्याओं के लिए भी बहुत उपयोगी सिद्ध होता है।
- एमु फार्मिंग देश के बेरोजगार नागरिकों के लिए इनकम का बहुत बड़ा सोर्स है
- एमू की फार्मिंग के लिए अधिक ज्ञान और उच्च तकनीकी की आवश्यकता नहीं है
- यदि कोई व्यक्ति एवं की खेती करना चाहता है और उसके पास पैसे नहीं है तो है इसके लिए लोन भी ले सकता है और खेती करने के बाद आसानी से वापस कर सकता है
- वर्तमान में पुरे भारत में विभिन्न सरकारी संगठनों द्वारा एमु फार्मिंग का समर्थन कर रहे है जिससे कि हमारे देश में इस पक्षी की फार्मिंग अधिक से अधिक की जा सके ।
एमु खेती के लाभ (EMU Farming Benefits)
एमु खेती के कई लाभ होते हैं भारत में फाइनेंशली एवं खेती के माध्यम से काफी लाभ मिलते हैं इसकी पूर्ण जानकारी हमें नीचे दर्ज की है कृपया इस खेती के लाभों के बारे में नीचे पढ़े।
- एमु की खेती समस्त प्रकार की जलवायु और परिस्थितियों में की जा सकती है क्योंकि यह पक्षी प्रत्येक जलवायु में जीवित रह सकता है ।
- एमु फार्मिंग करने वाले नागरिकों को इसकी खेती करने से काफी लाभ मिलता है
- देश में बेरोजगार नागरिकों के लिए की खेती करने से काफी इनकम प्राप्त होती है और यह रोजगार का बहुत अच्छा source है
- इससे नागरिकों के आय में वृद्धि होती है इसका मास बहुत ही स्वादिष्ट होता है और
- इसकी चर्बी में कोलेस्ट्रॉल कम होता है और प्रोटीन अधिक मात्रा में होता है क्योंकि यह पक्षी भोजन कम लेता है और इससे मिलने वाले लेदर और नाखून आदि से विभिन्न प्रकार के उत्पाद बना लिए जाते हैं ।
Important Links
- EMU Farming User Manual
Conclusion
दोस्तों आज हमने अपने आर्टिकल के माध्यम से एमू फार्मिंग से संबंधित पूर्ण जानकारी प्रदान की है हम आशा करते हैं यह जानकारी आपको जरूर पसंद आई होगी ऐसी महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त करने के लिए हमारी वेबसाइट से जुड़े रहिए हमारा आर्टिकल अंत तक पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद ।
EMU Farming से जुड़े कुछ प्रश्न उत्तर
प्रश्न -क्या कोई भी नागरिक एमू फार्मिंग कर सकता है?
क्या कोई भी नागरिक एमू फार्मिंग कर सकता है?
जी हां जो नागरिक बेरोजगार है या फिर जिनके पास रोजगार है परंतु इनकम अच्छी नहीं है वह नागरिक एमू फार्मिंग कर सकते हैं और इस फार्मिंग को करना बहुत ही आसान होता है।
यदि एमु फार्मिंग के लिए पैसे नहीं है तब इस स्थिति में क्या करें ?
इस स्थिति में आप बैंक से एमु फार्मिंग हेतु ऋण ले सकते हैं और फसल हो जाने पर आप बैंक का ऋण लौटा सकते हैं।
क्या किसी भी जलवायु में एमू फार्मिंग की जा सकती है ?
जी हां एमू पक्षी हर प्रकार की जलवायु में जीवित रह सकता है।